भोले बाबा ने 15 साल पहले आगरा से शुरू किया प्रवचन, 20 हजार महिलाओं ने पल्लू से सुखाया था मैदान

सुनील साकेत, आगरा: हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ से मरने वालों के घरों में हाहाकार मचा है। सत्संग में अनुमानित 2.5 लाख लोगों की भीड़ जुटी थी। 100 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो चुकी है। नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरजप

4 1 16
Read Time5 Minute, 17 Second

सुनील साकेत, आगरा: हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ से मरने वालों के घरों में हाहाकार मचा है। सत्संग में अनुमानित 2.5 लाख लोगों की भीड़ जुटी थी। 100 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो चुकी है। नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है। वह 15 साल पहले आगरा के शाहगंज केदार नगर में रहते थे। दो कमरों के इस मकान में बाबा ने अपने प्रवचन शुरू किए थे। इसके बाद उनका कारवां इतना बढ़ गया कि बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री तक उनके दरबार में हाजिरी लगाने लग गए।
हाथरस के सिकंरदराऊ के गांव फुलरई में मंगलवार को भोले बाबा का सत्संग शुरू हुआ था। ये आयोजन करीब 15 दिन के लिए होना था। सत्संग में शामिल होने के लिए आगरा से दर्जनों बसें हाथरस सत्संग सभा के लिए रवाना हुई थीं। इनमें 200 से 250 लोग सवार होकर पहुंचे थे। आगरा के पोस्‍टमॉर्टम हाउस में अब तक 21 लोगों के शव पहुंच चुके हैं। मृतकों के परिवार में हाहाकार मची हुई है। कई लोग सकुशल लौट भी आए हैं।

हैंडपंप से बीमार लोगों के इलाज का दावा

सूरजपाल उर्फ नारायन साकार हरि उर्फ भोले बाबा शाहगंज के केदार नगर में दो कमरों के मकान में रहते थे। बाबा ने पुलिस की नौकरी छोडऩे के बाद अपने घर पर लोगों को प्रवचन देना शुरू किया। स्थानीय लोगों ने बताया कि उनके घर के सामने लगे हैंडपंप से वह बीमारों का इलाज करने का दावा करता था। भोले बाबा ने आगरा की कोठी मीनाबाजार मैदान में सत्संग का आयोजन किया था। तब मैदान में बारिश के चलते पानी भर गया था। महिलाओं ने अपनी साड़ियों के पल्लुओं से मैदान का पानी सुखाया था। इस काम के लिए करीब 20 हजार महिलाएं लगी थीं।

अशिक्षितों को बनाते हैं अनुयायी

नारायन साकार हरि की कमेटी चलती है। उनकी कमेटी में शामिल लोग बस्तियों और मुहल्लों में औरतों को शामिल करते हैं। सत्संग में शामिल होने वाली महिलाओं को अपने किराए से भी ले जाते हैं। वहां 10-10 दिन तक महिलाओं से सेवा कार्य लिया जाता है। महिलाएं अपने घरो छोड़कर भोले बाबा की धुनी रमाती हैं। अपने घरों में भोले बाबा की तस्वीर लगाकर उनकी पूजा करती हैं। बाबा के अनुयाई विरोध करने वालों से दूरी बनाते हैं। वे अनपढ़ों और महिलाओं को अपने काफिले में जोड़ते हैं।

सत्संग के नाम पर होता है चंदा

भोले बाबा की कमेटी में शामिल लोग चंदा एकत्रित करते हैं। करीब 10-12 साल पूर्व आगरा के यमुनापार इलाके में बाबा का सत्संग हुआ था। स्थानीय लोगों ने बताया कि सरकारी विभागों में तैनात और बड़े कारोबारियों के परिवारों से लाखों का चंदा लिया गया था। बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन का काम करने वाले एक व्यक्ति ने एक लाख और अपनी सरकारी नौकरी करने वाली बेटी से 51 हजार रुपये का चंदा दिलवाया था। बाबा के नाम पर करोड़ों की चंदा सत्संग के लिए जाता है।

आगरा में दो स्थानों पर होना था सत्‍संग

आगरा के सैंया और सिकंदरा क्षेत्र में भी भोले बाबा का सत्संग होने वाला था। इसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति भी हो गई थी। आयोजक और अनुयाई कई दिनों से आयोजन स्थल पर तैयारियों में जुटे थे। सिकंदरा के शास्त्रीपुरम क्षेत्र में 13 से 23 जुलाई तक सत्संग होना था। जबकि सैंया के ग्वालियर रोड नगला केसरी में 40 बीघा खेत पर भोले बाबा का सत्संग होना था। हाथरस में हुई दुर्घटना के बाद पुलिस ने दोनों आयोजनों को निरस्त कर दिया है।

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

नदी के कवि की दो किताबें: ‘नदी, मैं तुम्हें रुकने नहीं दूंगा’ और ‘किसी मनुष्य का पेड़ हो जाना’

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now